
Indian Cricket Team इस समय कठिन दौर से गुजर रही है। हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू Test Series में 0-3 से हारने के बाद टीम पर लगातार असफलताओं का साया मंडरा रहा है। अब टीम को Australia के खिलाफ Border Gavaskar Trophy 2024 के पहले Test से पहले नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
पहला टेस्ट 22 नवंबर, शुक्रवार से पर्थ में शुरू हो रहा है, लेकिन भारतीय टीम के सामने कई समस्याएं खड़ी हो गई हैं। नियमित कप्तान Rohit Sharma ने व्यक्तिगत कारणों से इस मैच से बाहर रहने का निर्णय लिया है। वहीं, युवा स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल अंगूठे में फ्रैक्चर के कारण इस महत्वपूर्ण मुकाबले में नहीं खेल पाएंगे।
Devdutt Padikkal को मिला मौका
इन अप्रत्याशित घटनाओं के चलते, BCCI ने तुरंत कार्रवाई करते हुए टीम को मजबूती देने का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया में India A टीम के साथ खेल रहे बाएं हाथ के बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल को सीनियर टीम में शामिल होने के लिए कहा गया है।
देवदत्त पडिक्कल ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ खेले गए दो टेस्ट मैचों में 151 रन बनाए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 88 रन था। 20 दिनों से ऑस्ट्रेलिया में मौजूद पडिक्कल ने वहां की पिचों और परिस्थितियों के साथ खुद को ढाल लिया है। यही कारण हो सकता है कि बीसीसीआई ने उन्हें सीनियर टीम में बैकअप के रूप में रखने का निर्णय लिया।
इससे पहले, पडिक्कल ने इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टेस्ट मैच में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उस मुकाबले में उन्होंने 65 रनों की पारी खेली थी और भारत ने वह मैच पारी और 64 रनों से जीता था।
Mohammed Shami की वापसी का इंतजार
दूसरी ओर, भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी, जिन्होंने पिछले साल आईसीसी 2023 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया था, अभी भी बीसीसीआई की योजनाओं से बाहर हैं। वर्ल्ड कप के बाद उन्हें एचिलीस टेंडन की चोट के कारण टीम से बाहर होना पड़ा था।
हालांकि, शमी ने इस महीने रणजी ट्रॉफी में बंगाल के लिए वापसी की और मध्य प्रदेश के खिलाफ पहले मैच में चार विकेट लेकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। उनके प्रदर्शन ने दिखा दिया है कि वह फॉर्म में वापस आ गए हैं और पूरी तरह फिट हैं।
फिर भी, मौजूदा परिस्थितियों में बीसीसीआई ने उन्हें टेस्ट टीम में शामिल नहीं किया है। हालांकि, अगर मौजूदा दौरे के दौरान किसी गेंदबाज को चोट लगती है, तो शमी को टीम में शामिल किया जा सकता है। उनके अनुभव और फॉर्म को देखते हुए, वह भारत की ट्रॉफी रक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
टीम पर बढ़ा दबाव
रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी ने भारतीय टीम की परेशानी बढ़ा दी है। हालांकि, कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान केएल राहुल के नेतृत्व में टीम को अपनी कमजोरियों पर काम करना होगा और ऑस्ट्रेलिया की चुनौती का सामना करना होगा।
यह देखना दिलचस्प होगा कि युवा खिलाड़ी जैसे देवदत्त पडिक्कल और टीम में पहले से मौजूद अन्य बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया की तेज़ और उछालभरी पिचों पर कैसा प्रदर्शन करते हैं।
भारतीय टीम के लिए यह टेस्ट केवल एक मैच नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती का भी परीक्षण होगा। बॉर्डर–गावस्कर ट्रॉफी को बनाए रखने के लिए उन्हें हर विभाग में अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।