
Donald Trump cabinet nominations
Recently डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उनकी संभावित कैबिनेट नियुक्तियों ने पाकिस्तान की राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व को सतर्क कर दिया है। पाकिस्तान अब अपनी विदेश नीति रणनीति को ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकताओं के आधार पर तैयार कर रहा है।
हालांकि, यह माना जा रहा है कि पाकिस्तान अब अमेरिका की विदेश नीति के शीर्ष एजेंडे पर नहीं है, लेकिन इस्लामाबाद और रावलपिंडी के नीति निर्माता ट्रंप के कैबिनेट चयन को गंभीरता से देख रहे हैं।
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ट्रंप के तीन प्रमुख नामांकन जो पाकिस्तान के लिए चिंता का कारण हैं : Donald Trump cabinet nominations
1. मार्को रुबियो (Marco Rubio)
मार्को रुबियो, जो कभी ट्रंप के आलोचक रह चुके हैं, को सेक्रेटरी ऑफ स्टेट (विदेश मंत्री) पद के लिए नामित किया गया है। विदेश मंत्री का पद अमेरिका की विदेश नीति का केंद्र है, और यह पद पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर पाकिस्तान के लिए।
रुबियो ने जुलाई 2024 में एक विधेयक पेश किया था, जिसे US-India Defence Cooperation Act कहा गया। इस विधेयक का उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच रक्षा साझेदारी को मजबूत करना था।
पाकिस्तान पर प्रभाव:
- इस विधेयक में पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ आतंकवाद और प्रॉक्सी समूहों का उपयोग करने का आरोप लगाया गया।
- यह भी प्रस्ताव दिया गया कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता है, तो उसे किसी प्रकार की अमेरिकी सुरक्षा सहायता नहीं दी जानी चाहिए।
2. माइक वॉल्ट्ज (Mike Waltz)
नेशनल सिक्योरिटी एडवाइज़र ( National Security Adviser ) के रूप में नामांकित माइक वॉल्ट्ज पाकिस्तान को लेकर कठोर विचार रखते हैं।
- वॉल्ट्ज ने कई बार पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ और कड़े कदम उठाने के लिए दबाव डालने की बात कही है।
- उन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिका के अभियानों में पाकिस्तान की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।
3. तुलसी गबार्ड (Tulsi Gabbard)
तुलसी गबार्ड को डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस के पद के लिए नामित किया गया है। यह पद अमेरिका के 18 खुफिया एजेंसियों, जैसे CIA और NSA, की निगरानी करता है।
पाकिस्तान पर प्रभाव:
- 2019 में पुलवामा हमले और बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान गबार्ड ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की नसीहत दी थी।
- उन्होंने पाकिस्तान पर अल–कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को शरण देने का भी आरोप लगाया था।
क्या होगा पाकिस्तान का अगला कदम?
रणनीतिक दृष्टिकोण
Recently पाकिस्तान ने संकेत दिए हैं कि वह ट्रंप प्रशासन के साथ काम करने का इच्छुक है।
- पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर ने हाल ही में कहा कि पाकिस्तान किसी भी गुट में शामिल नहीं होगा और वैश्विक शांति प्रयासों का समर्थन करेगा।
- ट्रंप प्रशासन के साथ प्रारंभिक संपर्क स्थापित करने के लिए पाकिस्तान ने उनकी ट्रांजिशन टीम तक पहुंचने की योजना बनाई है।
सावधानीपूर्वक योजना
- पाकिस्तान इस बात से चिंतित है कि ट्रंप की नियुक्तियां भारत के पक्ष में और पाकिस्तान के खिलाफ अधिक कठोर हो सकती हैं।
- इसके बावजूद, पाकिस्तान आशावादी है कि उसके अमेरिका के साथ संबंध अप्रभावित रहेंगे।
पाकिस्तान की विदेश नीति के लिए प्रमुख चुनौतियां
- भारत–अमेरिका संबंध:
- भारत को अमेरिका द्वारा अधिक समर्थन मिलने से पाकिस्तान की रणनीतिक स्थिति कमजोर हो सकती है।
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- भारत और अमेरिका के बीच रक्षा और तकनीकी सहयोग पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है।
- आतंकवाद के खिलाफ दबाव:
- ट्रंप प्रशासन के संभावित सदस्य पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर सकते हैं।
- चीन से नज़दीकी:
- अमेरिका के चीन पर कठोर रुख का प्रभाव पाकिस्तान पर भी पड़ सकता है, जो चीन का करीबी सहयोगी है।
पाकिस्तान के लिए आशा की किरण
हालांकि पाकिस्तान की चिंताएं वास्तविक हैं, लेकिन उसने अपने संदेशों को संतुलित रखने की कोशिश की है। पाकिस्तानी नेतृत्व ने वैश्विक शांति और सहयोग का समर्थन करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
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- भारत को अमेरिका द्वारा अधिक समर्थन मिलने से पाकिस्तान की रणनीतिक स्थिति कमजोर हो सकती है।