
महाराष्ट्र चुनाव में ‘वोट जिहाद‘? 180 NGO मुस्लिम वोट बैंक साधने में जुटे! Maharashtra Elections 2024
हाल ही में Mumbai की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस यूनिवर्सिटी के द्वारा कुछ अध्ययन/सर्वे रिपोर्ट पेश की गई है जिसमें ये पता चल रहा है कि Maharashtra में हिंदुओं की संख्या कम हो रही है साथ ही मुस्लिमों और रोहिन्गुआ और बांग्लादेशी घुसपैठियों का प्रभाव और उनकी जनसंख्या बहुत ही तेजी के साथ बढ़ रही है।
आप सब ये जानते हैं कि महाराष्ट्र में जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसी चुनाव के दौरान एक बात का खुलासा हुआ है कि Maharashtra Elections 2024 विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में बहुत सारे NGOs सक्रिय हो चुके हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि 180 NGOs महाराष्ट्र में सक्रिय हैं जो महाराष्ट्र के मुसलमानों के लिए काम कर रहे हैं। मुस्लिमों को ये NGOs BJP के खिलाफ अगामी विधानसभा चुनाव में लामबंद कर रहे हैं।
साथ ही साथ जो घुसपैठिए हैं जैसे रोहिंग्या मुस्लिम और बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठिए महाराष्ट्र में घुसे हैं ये NGOs उनका वोटर आईडी बनवा रहे हैं ताकि आने वाले महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में ये घुसपैठिए BJP के खिलाफ वोट करें और INDI गठबंधन को समर्थन दें उन्हें वोट दें।
चौकाने वाली खबर एन NGOs के काम करने के तरीके से आ रही है जो सरकार को भी चकमा दे रही है। ये एनजीओ मुस्लिम आबादी के बीच जाते हैं और Voter Turnout बढ़ाने के लिए उनको समझाते हैं और कहते हैं कि ये उनके बीच जागरुकता फेल रहे हैं, खास बात है कि इसी दौर में ये एनजीओ भी फैसला करते हैं कि ये मुस्लिम किसे वोट दें।
हाल ही में Social Media पर ऐसे बहुत सारे वीडियो वायरल हुए हैं जिसे देखा जा सकता है कि महाराष्ट्र में मुस्लिम बस्तियों में बैठक आयोजित की जा रही है तथा मुसलमानों को BJP के खिलाफ भड़काने और MVA (महा विकास अघाड़ी) को वोट देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मुंबई में आवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए बढ़ रहे हैं: Maharashtra Elections 2024
हाल ही में TISS ने मुंबई में अवैध अप्रवासी: सामाजिक–आर्थिक और राजनीति परिणमो का विश्लेष्ण शीर्षक से किए गए अध्ययन/सर्वेक्षण में जो परिणम आया है उनसे यह साफ–साफ पता चलता है कि कुछ राजनीति दलो ने अपने Vote Bank की राजनीति को साधने के लिए घुसपैठियों के लिए इस्तमाल कर रही है और लोकतंत्र की प्रकृति खराब कर रही है। साथ ही फर्जी पहचान पत्र बनवाकर उनको चुनाव प्रक्रिया का हिसा बना रही है
साथ ही साथ इस रिपोर्ट में महाराष्ट्र में हुए जनसंख्यिकी बदलाव की तरफ भी इसारा किया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंबई में 1961 में हिंदुओं की आबादी 88% थी और मुसलमानों की आबादी 8% थी वही अब 2011 में महाराष्ट्र में हिंदुओं की आबादी केवल 66% रह गई और मुसलमानों की आबादी 21% हो गई थी. अब आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि 2011 के बाद महाराष्ट्र में जनसंख्यिकी में अब तक यानी 2024 में कितना परिवर्तन आया होगा।
साथ ही साथ ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि जनसंख्या परिवर्तन की यही प्रवृत्ति जारी रही महाराष्ट्र में साल 2051 तक हिंदू आबादी 54% से कम हो जाएगी और मुस्लिम आबादी 30% तक पहुंच जाएगी। जो बहुत ही खतरनाक होगा।
इसके अलावा इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मुंबई में जो अवैध बांग्लादेशी और म्यांमार के रोहिंगिया मुस्लिम बढ़ रहे हैं तो उनके और स्थानीय लोगों के बीच आर्थिक समानता की वजह से सामाजिक तनाव, हिंसा की घटनाएं, महिलाओं की तस्करी के मामले और देह व्यापार में भी वृद्धि हो रही है. यानि ये घुसपैठिए ना सिर्फ महाराष्ट्र में बल्की देश में जहां कहीं भी है वहां कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हो रही है।
इस रिपोर्ट से एक बात साफ होती है कि ठीक इन्हीं तरीकों का प्रयोग महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के दौरान भी हुआ था। मुस्लिमों को एकजूट कर बीजेपी और एनडीए के खिलाफ वोट मिल गया था और अब उसी तरह से फिर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किया जा रहा है।